Varanasi Floods: हर घंटे उफन रही गंगा!, गंगा अब शांत नहीं रही, वह धीरे-धीरे उग्र रूप लेने लगी है। काशी की पवित्र धरती पर आज भक्तिभाव के साथ डर का माहौल भी फैलता जा रहा है, क्योंकि हर घंटे गंगा का जलस्तर 4 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है।
इसका सीधा असर गंगा घाटों और धार्मिक आयोजनों पर पड़ रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि काशी की पहचान ‘सुबह-ए-बनारस’ का मंच भी अब गंगा की लहरों में समा चुका है।
गंगा का बढ़ता जलस्तर: खतरे की घंटी?
गंगा का जलस्तर इस समय चेतावनी स्तर की ओर बढ़ रहा है।
सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार:
पिछले 24 घंटों में गंगा में 96 सेमी की बढ़ोतरी हो चुकी है।
मौजूदा जलस्तर 69.80 मीटर तक पहुंच चुका है।
और अब हर घंटे औसतन 4 सेमी की वृद्धि दर्ज की जा रही है।
अगर इसी रफ्तार से गंगा बहती रही, तो अगले 48 घंटे में स्थिति गंभीर बाढ़ की ओर बढ़ सकती है।
किन घाटों पर सबसे ज्यादा असर?
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण काशी के प्रमुख घाटों पर जलभराव की स्थिति बन गई है:
घाट का नाम स्थिति
दशाश्वमेध घाट 60% हिस्सा जलमग्न
राजेन्द्र प्रसाद घाट पूरी तरह डूब चुका है
चेतसिंह घाट सीढ़ियां पूरी डूबी हुई हैं
मणिकर्णिका घाट अंतिम संस्कार बाधित हो रहे हैं
अस्सी घाट अलर्ट मोड पर प्रशासन
सुबह-ए-बनारस का मंच भी डूबा
काशी की आध्यात्मिक सुबह को देखने हर दिन हज़ारों श्रद्धालु सुबह-ए-बनारस के आयोजन में भाग लेते हैं।
लेकिन अब उस कार्यक्रम का मंच भी गंगा के जल में समा गया है।
गंगा आरती, योग अभ्यास, और सांस्कृतिक प्रस्तुति की जगह अब चारों ओर पानी ही पानी है।
आयोजनकर्ता मंडली ने कहा:
“पहली बार ऐसा हुआ है कि मंच पूरी तरह डूब गया है। यह न केवल आयोजन के लिए संकट है, बल्कि हमारी आस्था की परीक्षा भी।”
तस्वीरों में देखें गंगा का विकराल रूप
नीचे दी गईं तस्वीरें इस बात की गवाही देती हैं कि काशी में गंगा केवल आस्था की नदी नहीं, अब संकट की नदी बन चुकी है:
घाटों पर पानी के बीच नावें बंधी हुई नजर आ रही हैं
आरती स्थल पर केवल पानी की लहरें
डूबे हुए सीढ़ियों के ऊपर बहते पानी में चलते लोग
पुलिस और SDRF की तैनाती बढ़ाई गई है
प्रशासन अलर्ट मोड में
वाराणसी जिला प्रशासन ने SDRF टीमों को घाटों पर तैनात कर दिया है।
लाउडस्पीकर से चेतावनी दी जा रही है कि लोग गंगा किनारे न जाएं, और न ही डूबे घाटों पर फोटो या स्नान के लिए उतरें।
DM वाराणसी ने कहा:
“स्थिति को मॉनिटर किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर राहत कैंप तैयार हैं।”
क्यों बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर?
विशेषज्ञों का कहना है कि:
उत्तराखंड और बिहार में लगातार हो रही भारी बारिश से
गंगा में उपरी जलप्रवाह तेज हो गया है
इसके साथ ही, नदी की तलहटी में अवरोध होने के कारण पानी का बहाव धीमा हो रहा है
यह स्थिति अगले कुछ दिन तक बनी रह सकती है।
क्या बंद होंगे घाटों के धार्मिक अनुष्ठान?
फिलहाल प्रशासन ने गंगा आरती सहित अन्य धार्मिक आयोजनों को स्थगित कर दिया है या वैकल्पिक जगहों पर करने की अनुमति दी है।
लेकिन अगर जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा, तो काशी के घाटों की धार्मिक गतिविधियों पर पूर्ण विराम लग सकता है।
गंगा को मां कहा जाता है, और आज वह संकट की जननी जैसी प्रतीत हो रही हैं।
काशीवासियों के लिए यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संघर्ष भी है — धर्म और जीवन के बीच संतुलन बनाने का संघर्ष।
🔸 अगर आप काशी या पूर्वी उत्तर प्रदेश में रहते हैं, तो प्रशासन की चेतावनी का पालन करें।
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