ICICI Bank ने नए सेविंग अकाउंट धारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस नियम बदले – जानें पूरी जानकारी

By: Milind

On: Saturday, August 9, 2025 8:16 PM

ICICI Bank Raises Minimum Balance From Rs 10,000 To Rs 50,000 For New Customers

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देश के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक ICICI Bank ने 1 अगस्त 2025 से अपने मासिक औसत बैलेंस (MAB) नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव उन ग्राहकों पर लागू होगा, जिन्होंने 1 अगस्त 2025 या उसके बाद अपना सेविंग अकाउंट खोला है। नए नियम मेट्रो, अर्बन, सेमी-अर्बन और ग्रामीण सभी ब्रांचों के ग्राहकों को प्रभावित करेंगे।

नया न्यूनतम औसत बैलेंस (MAB) नियम

  • मेट्रो और अर्बन ब्रांच:
    नए ग्राहक: ₹50,000 MAB रखना अनिवार्य।
    पुराने ग्राहक: ₹10,000 MAB पहले जैसा ही रहेगा।
  • सेमी-अर्बन ब्रांच:
    नए ग्राहक: ₹25,000 MAB रखना अनिवार्य।
    पुराने ग्राहक: ₹5,000 MAB पहले जैसा ही रहेगा।
  • ग्रामीण ब्रांच:
    नए ग्राहक: ₹10,000 MAB रखना अनिवार्य।
    पुराने ग्राहक: ₹5,000 MAB पहले जैसा ही रहेगा।

इस बदलाव के बाद मेट्रो और अर्बन क्षेत्रों में ICICI बैंक का न्यूनतम बैलेंस नियम भारतीय बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा हो गया है।

ICICI Bank न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना

अगर ग्राहक आवश्यक बैलेंस बनाए रखने में असफल रहते हैं तो बैंक शॉर्टफॉल अमाउंट का 6% या ₹500 (जो भी कम हो) का जुर्माना लगाएगा।

कैश डिपॉजिट और निकासी के नियम

  • प्रति माह 3 कैश डिपॉजिट मुफ्त। इसके बाद हर डिपॉजिट पर ₹150 शुल्क।
  • मासिक कैश डिपॉजिट लिमिट: ₹1 लाख तक बिना अतिरिक्त शुल्क।
  • थर्ड-पार्टी कैश डिपॉजिट: प्रति ट्रांजैक्शन ₹25,000 की सीमा।
  • कैश निकासी: प्रति माह 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन, उसके बाद शुल्क लागू।

ब्याज दर में कमी

अप्रैल 2025 में ICICI बैंक ने सेविंग अकाउंट की ब्याज दर में 0.25% की कटौती की थी। अब ₹50 लाख तक की जमा राशि पर सालाना 2.75% ब्याज मिलेगा।

अन्य बैंकों की तुलना

  • SBI (भारतीय स्टेट बैंक) ने 2020 में न्यूनतम बैलेंस नियम पूरी तरह समाप्त कर दिया।
  • अधिकांश अन्य बैंक ₹2,000 से ₹10,000 के बीच ही न्यूनतम बैलेंस रखते हैं।

इस तरह, ICICI बैंक का नया नियम अन्य बैंकों की तुलना में काफी सख्त है।

ICICI Bank – ग्राहकों को क्या करना चाहिए?

  • अपने अकाउंट का प्रकार और नियम चेक करें कि आप पर नया नियम लागू है या नहीं।
  • आवश्यक बैलेंस बनाए रखें ताकि जुर्माने से बच सकें।
  • अगर इतना बैलेंस रखना संभव न हो, तो जीरो बैलेंस अकाउंट या बेसिक सेविंग अकाउंट का विकल्प चुनें।

अस्वीकरण: यह जानकारी सोशल मीडिया सूचनाओं पर आधारित है और केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले ग्राहक बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से विवरण की पुष्टि करें।

Milind

मिलिंद एक अनुभवी वित्तीय लेखक और न्यूज रिपोर्टर हैं, जो finomoji.com पर पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार और आर्थिक खबरों पर आधारित लेख लिखते हैं। उन्हें टैक्स प्लानिंग और निवेश रणनीतियों में विशेष रुचि है, और उनके लेख सरल, डेटा-आधारित और निर्णय लेने में सहायक होते हैं।
For Feedback - finomojiofficial@gmail.com

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