Russia-Japan Tsunami : रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप के पास बुधवार सुबह 8.8 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। यह इस इलाके में 1952 के बाद सबसे शक्तिशाली भूकंप था और 2011 के जापान भूकंप के बाद दुनिया का सबसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है।
रूस के कामचटका क्षेत्र में आया जबरदस्त भूकंप
यह भूकंप सुबह 8:25 बजे जापान समय पर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से करीब 119 किलोमीटर दूर समुद्र में आया। यह शहर लगभग 1.8 लाख की आबादी वाला है। भूकंप की गहराई सिर्फ 20.7 किलोमीटर थी, जिससे इसके प्रभाव की तीव्रता और बढ़ गई।
इमारतें हिलीं, बिजली गई और मोबाइल नेटवर्क भी बंद हो गया। हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक कोई गंभीर चोट या मौत की खबर नहीं है। कुछ लोगों ने मामूली इलाज के लिए अस्पतालों का रुख किया।
प्रशांत महासागर में कई देशों में सुनामी की चेतावनी
इस भूकंप के बाद कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई, जिनमें शामिल हैं:
- जापान: होक्काइदो के तट पर 40 सेंटीमीटर ऊंची लहरें दर्ज की गईं। फेरी सेवाएं और लोकल ट्रेनें रोकी गईं।
- रूस (कुरिल द्वीप): सिवेरो-कुरील्स्क जैसे तटीय इलाकों से लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजा गया।
- अमेरिका:
- हवाई: होनोलूलू में सायरन बजे और लोगों को ऊंची जगहों पर जाने को कहा गया।
- ओरेगन: 1 से 2 फीट ऊंची लहरों की चेतावनी जारी की गई और समुद्र तटों से दूर रहने की सलाह दी गई।
- कैलिफोर्निया और अलास्का: तटवर्ती इलाकों में एडवाइजरी जारी की गई।
- फिलीपींस: पूर्वी तटीय क्षेत्रों को सतर्क रहने और समुद्र तट से दूर रहने की सलाह दी गई।
- न्यूजीलैंड: लहरों और तेज धाराओं को लेकर चेतावनी दी गई। लोगों से समुद्र, नदी, बंदरगाह और तटों से दूर रहने को कहा गया।
क्यों खास है यह भूकंप?
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, यह भूकंप पिछले एक दशक में दुनिया का सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है। इससे पहले इतना बड़ा भूकंप 2011 में जापान में आया था जिसकी तीव्रता 9.0 थी और जिसने सुनामी के साथ परमाणु संकट भी पैदा किया था।
स्थानीय वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भूकंप के बाद झटके (Aftershocks) एक महीने तक आते रह सकते हैं, इसलिए तटवर्ती इलाकों में जाने से बचें। पहले से ही रूस युद्ध में है और फिर से अब ये भूकंप का दंश झेल रहा है रूस।
जापान के परमाणु संयंत्रों में कोई खतरा नहीं
जापान के परमाणु बिजली संयंत्रों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। फुकुशिमा दाईची प्लांट, जो 2011 में प्रभावित हुआ था, वहां से 4,000 से अधिक कर्मचारियों को ऊंची जगहों पर शिफ्ट किया गया और प्लांट की निगरानी दूर से की जा रही है।
यात्रा और परिवहन सेवाएं बाधित
- सेंदाई एयरपोर्ट ने अस्थायी रूप से अपनी रनवे बंद की।
- फेरी सेवाएं और स्थानीय ट्रेनें रोकी गईं।
- कुछ उड़ानें और तटीय सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
यह भूकंप प्रकृति की ताकत का एक बड़ा संकेत है। भले ही इस बार बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन कई देशों में इसका असर महसूस किया गया और आपातकालीन अलर्ट जारी किए गए।
अगर आप तटीय क्षेत्र में रहते हैं, तो हमेशा आधिकारिक चेतावनियों का पालन करें और अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध समाचार स्रोतों और सरकारी एजेंसियों पर आधारित है। कृपया ताजगी और सटीकता के लिए हमेशा आधिकारिक अपडेट्स को प्राथमिकता दें।