कैसे बनी अरबों की दौलत?
पिचाई के पास Alphabet में सिर्फ 0.02% की इकनॉमिक हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू लगभग $440 मिलियन है। इसके अलावा, उनकी ज्यादातर संपत्ति वेतन, बोनस और शेयर बेचकर प्राप्त हुई है। ये मुकाम खास इसलिए भी है क्योंकि सुंदर पिचाई कंपनी के फाउंडर नहीं हैं, बल्कि एक पेशेवर लीडर हैं जिन्होंने मेहनत से ये सफलता हासिल की है।
10 साल में कैसे बदली Alphabet की तस्वीर
सुंदर पिचाई ने बताया कि 2015 में जहां Alphabet की कुल आय $75 बिलियन थी, वहीं 2024 के अंत तक सिर्फ YouTube और Cloud की सालाना कमाई ही $110 बिलियन हो गई है। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“August will mark 10 years since we announced Alphabet. Been thinking about the incredible growth in our new businesses since then – Cloud, YouTube, Play, Subscriptions etc.”
SpaceX के CEO Elon Musk ने भी इस उपलब्धि को “Impressive” बताते हुए सराहना की, जिस पर पिचाई ने 🙏 इमोजी के साथ जवाब दिया।
मध्यम वर्ग से अरबपति बनने तक
तमिलनाडु के एक सामान्य परिवार में जन्मे सुंदर पिचाई का बचपन एक दो कमरों के घर में बीता। 1993 में उन्हें Stanford University में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिली। 2004 में उन्होंने Google जॉइन किया और Chrome ब्राउज़र व Android प्रोजेक्ट को लीड किया। 2015 में वह Google के CEO और 2019 में Alphabet के CEO बने।
अन्य टेक अरबपतियों से तुलना
- Larry Page (Google Co-founder): $171.2 बिलियन
- Sergey Brin (Google Co-founder): $160.4 बिलियन
जबकि पिचाई की संपत्ति इन संस्थापकों की तुलना में कम है, फिर भी एक पेशेवर CEO के रूप में उनका यह सफर असाधारण और प्रेरणादायक है।
निष्कर्ष: मेहनत, दृष्टिकोण और समर्पण का परिणाम
सुंदर पिचाई की यह कहानी इस बात का सटीक उदाहरण है कि किस तरह दृढ़ निश्चय, लगन और नेतृत्व क्षमता किसी व्यक्ति को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है। भारतीय युवाओं के लिए उनका सफर प्रेरणा है कि सीमित संसाधनों से भी वैश्विक पहचान बनाई जा सकती है।