Trump’s Big Claim: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से वैश्विक हलकों में हलचल मचा दी है। इस बार ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को व्यापार दबाव के ज़रिए रोका था। इतना ही नहीं, उन्होंने BRICS देशों को भी सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन देशों ने अमेरिका के खिलाफ कदम उठाए, तो 10% या उससे ज्यादा टैक्स लगा दिया जाएगा।
क्या कहा ट्रंप ने?
ट्रंप ने एक पब्लिक मीटिंग में कहा:
- “भारत और पाकिस्तान के बीच उस समय लड़ाई शुरू हो गई थी। चार–पांच फाइटर जेट्स गिराए जा चुके थे।”
- “मैंने तत्काल हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को व्यापारिक दबाव डालकर पीछे हटने पर मजबूर किया।”
- “हमने एक बड़ा युद्ध रोका… और वो भी बिना फौज भेजे।”
यह कोई पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने इस प्रकार का दावा किया हो। इससे पहले 2019 और 2020 में भी उन्होंने कहा था कि वो भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं – लेकिन भारत ने तब साफ इनकार कर दिया था।
BRICS देशों को चेतावनी
अपने भाषण में ट्रंप ने BRICS (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका) जैसे देशों को चेताया:
- “जो देश अमेरिका के खिलाफ आर्थिक रूप से साजिश कर रहे हैं, उन पर मैं 10% का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाऊंगा।”
- “अगर डॉलर को कमजोर करने की कोशिश की गई, तो टैक्स 60% तक भी जा सकता है।”
गौरतलब है कि BRICS देशों ने हाल ही में डॉलर पर निर्भरता कम करने और स्थानीय करेंसी में ट्रेड बढ़ाने की नीति अपनाई है। भारत ने फिलहाल खुद को डॉलर विरोधी नीतियों से दूर रखा है, लेकिन इस गठबंधन का सदस्य होने के नाते वह अमेरिकी निगाहों में है।
भारत का क्या रुख?
- भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को एक बार फिर सिरे से नकारा है:
- भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “भारत अपनी विदेश नीति में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नहीं मानता।”
- वर्ष 2025 के भारत–पाक तनाव के दौरान भारतीय सेना ने खुद स्थिति को काबू में लाया, किसी बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं पड़ी।
क्यों मायने रखता है ट्रंप का यह बयान?
- चुनावी रणनीति: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव करीब हैं, और ट्रंप अपने पुराने कार्यकाल की उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।
- व्यापार नीति का प्रभाव: ट्रंप की ‘ट्रेड डिप्लोमेसी’ न केवल चीन या रूस पर, बल्कि भारत जैसे सहयोगी देशों पर भी असर डाल सकती है।
BRICS–अमेरिका टकराव: अगर अमेरिका BRICS को ‘एंटी-अमेरिकन ब्लॉक‘ मानता है, तो भारत की स्थिति असहज हो सकती है – विशेष रूप से ऐसे समय में जब वह अमेरिका से एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता चाहता है।
कुछ अहम तथ्य:
बिंदु तथ्य
भारत–पाक तनाव अप्रैल 2025 में सीमा पर गोलाबारी और फाइटर जेट्स की झड़प की खबरें आई थीं
- ट्रंप का दावा “मैंने व्यापार दबाव के जरिए युद्ध रोका”
- भारत की प्रतिक्रिया “किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं”
- BRICS का एजेंडा डॉलर के विकल्प पर काम, स्थानीय करेंसी को प्रमोट करना
- ट्रंप की चेतावनी 10% या ज्यादा टैक्स BRICS देशों पर लग सकता है
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट है कि अब व्यापार ही नया कूटनीति का हथियार बन चुका है। चाहे बात युद्ध रोकने की हो या वैश्विक गठबंधनों पर दबाव बनाने की – ट्रंप अपने व्यापारिक दृष्टिकोण को ही प्राथमिकता देते हैं।
भारत जैसे देशों को अब बेहद सावधानी से कदम उठाने होंगे ताकि न अमेरिका नाराज़ हो और न ही BRICS जैसे सहयोगियों से रिश्ते खराब हों।
क्या आपको लगता है ट्रंप वाकई भारत–पाक तनाव रोकने में सफल रहे थे? या यह सिर्फ एक चुनावी रणनीति है? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं।