कामिका एकादशी व्रत कथा इस पावन दिन व्रत के साथ कथा सुनना है बेहद जरूरी, तभी मिलेगा पूर्ण फल और पापों से मुक्ति।
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं। यह व्रत विष्णु भगवान को समर्पित होता है और सभी पापों से मुक्ति दिलाता है।
कामिका एकादशी का व्रत रखने से पितृ दोष का नाश होता है अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता आत्मा को शुद्धि और शांति प्राप्त होती है मोक्ष की प्राप्ति होती है
एक समय की बात है, एक गांव में एक क्रोधित व्यक्ति ने अपने पड़ोसी की हत्या कर दी। ग्लानि से भरा वह व्यक्ति मुनि लोमेश के पास गया।
मुनि ने कहा – "तुमने भयानक पाप किया है, लेकिन कामिका एकादशी का व्रत करोगे और कथा सुनोगे, तो तुम पापों से मुक्त हो सकते हो।"
उस व्यक्ति ने पूरी श्रद्धा से कामिका एकादशी का व्रत रखा और भगवान विष्णु की पूजा की। कथा सुनते ही उसके हृदय में शांति और प्रायश्चित की भावना जाग उठी।
व्रत और कथा का चमत्कारिक असर हुआ वह व्यक्ति पापों से मुक्त हुआ और समाज सेवा में लग गया। भगवान विष्णु की कृपा से उसे मोक्ष भी प्राप्त हुआ।
एक दिन पूर्व सात्विक भोजन लें एकादशी पर व्रत रखें और जल से भगवान विष्णु का अभिषेक करें कथा सुनें और दूसरों को सुनाएं द्वादशी को व्रत पारण करें
कामिका एकादशी व्रत बिना इस पावन कथा के अधूरा माना जाता है। व्रत के साथ कथा को जीवन में अपनाकर सच्चे पुण्य के भागी बनें।
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